Bengaluru: দুই খুদে সন্তান-সহ বাবা মায়ের একসঙ্গে মৃত্যু, পরিবারের নির্মম পরিণতিতে ঘনাচ্ছে রহস্য

মৃত দুই শিশুর বয়স ৫ এবং ২। বছর ৩৮-এর অনুপ কুমার কর্মসূত্রে বেঙ্গালুর থাকতেন। সঙ্গে ছিলেন তাঁর স্ত্রী রাখি (৩৫) এবং তাঁদের দুই খুদে সন্তান।

Representative Image (Photo Credit: File)

একসঙ্গে উদ্ধার পরিবারের চার সদস্যের মৃতদেহ। বেঙ্গালুরুর সদাশিবনগর থানা এলাকায় ভাড়া বাড়ি থেকে সোমবার সকালে উদ্ধার হয়েছে স্বামী স্ত্রী এবং তাঁদের দুই সন্তানের দেহ। পরিবারের চার সদস্যের মৃত্যু ঘিরে ঘনাচ্ছে রহস্য। পুলিশ সূত্রে খবর, মৃত দুই শিশুর বয়স ৫ এবং ২। বছর ৩৮-এর অনুপ কুমার কর্মসূত্রে বেঙ্গালুর থাকতেন। সঙ্গে ছিলেন তাঁর স্ত্রী রাখি (৩৫) এবং দুই খুদে সন্তান। ওই পরিবার আদতে উত্তরপ্রদেশের এলাহাবাদের বাসিন্দা বলে জানা যাচ্ছে। চার মৃতদেহ উদ্ধার করে পাঠানো হিয়েছে ময়নাতদন্তের জন্যে।

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পরিবারের চার সদস্যের একসঙ্গে মৃত্যু...

 

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Mumbai Fish: मुंबईत समुद्रावरील धुक्याची पातळी वाढली; कोमट पाण्याच्या शोधात मासे किनाऱ्यापासून 200 किमी दूर पाळले, दरात मोठ्या प्रमाणावर वाढ | LatestLY

Mumbai Fish: मुंबईत समुद्रावरील धुक्याची पातळी वाढली; कोमट पाण्याच्या शोधात मासे किनाऱ्यापासून 200 किमी दूर पाळले, दरात मोठ्या प्रमाणावर वाढ

यावेळी मुंबई शहरात प्रदूषण तर आहेच पण शहरी भागातून समुद्राच्या दिशेने वाहत असलेल्या वाऱ्यांमुळे ते पाण्याच्या दिशेनेही सरकले आहे. धुक्यात बोटी आदळण्याचा धोका असल्याचे मच्छीमारांनी सांगितले.

Fishing Boat | Representational image (Photo Credits: pixabay)

उत्तर भारतातील हिवाळ्याच्या तडाख्याने मानवावरच नव्हे तर सागरी प्राण्यांवरही परिणाम केला आहे. आता मुंबईच्या (Mumbai) समुद्रातील थंड पाण्यात माशांना (Fish) जगणे कठीण झाले आहे. अरबी समुद्रातून माशांना 200 किमी दूर पळावे लागत आहे. मुंबईच्या किनाऱ्यालगतच्या अरबी समुद्राच्या विस्तीर्ण भागाला धुक्याने वेढले असल्याने, माशांना उष्ण पाण्याकडे जाण्यास भाग पाडले आहे. यामुळे मच्छीमारांमध्ये प्रचंड आव्हाने निर्माण झाली आहेत. आता मच्छीमारांना मासे पकडण्यासाठी 200 किलोमीटर दूर जावे लागते. वर्सोव्याजवळ पकडला जाणारा बॉम्बे डक (मासा) आता पालघरच्या पलीकडे गुजरातच्या दिशेला आढळत आहे. त्याचप्रमाणे सार्डिन कोकण उत्तरेकडून मुंबई दक्षिणेकडे सरकले आहेत.

मासे उबदार पाण्यात स्थलांतरित होत असल्याने, पकड कमी होत आहे आणि त्यांच्या शहरातील बाजारपेठेतील किंमती वाढत आहेत. हवामान खात्याच्या एका अधिकाऱ्याने सांगितले की, पूर्वेकडील वाऱ्यांमुळे मुंबईतील धुके समुद्राकडे झेपावले आहेत. ते सध्या किनाऱ्यापासून 40-50 नॉटिकल मैल पसरले आहे. धुक्यामुळे मासेमारीच्या जहाजांची दृश्यमानता 2 किमीपर्यंत कमी झाली आहे. मच्छीमार संघटनेचे प्रमुख देवेंद्र तांडेल आणि राजहंस टपके यांच्या म्हणण्यानुसार, मासेमारीच्या बोटी आणि ट्रॉलरना आता 100 नॉटिकल मैल जाण्यासाठी इंधनाचा मोठा साठा वापरावा लागतो.

टपके यांनी निरीक्षण केले की, किनाऱ्याजवळ दाट धुक्यामुळे खराब दृश्यमानतेमुळे मासेमारी जहाज आणि मालवाहू जहाज यांच्यात नुकतीच टक्कर झाली. हवामानाच्या घटनेचे स्पष्टीकरण देताना कांबळे म्हणाले की, पश्चिम किनारपट्टीकडे सरकणारा पूर्वेचा वारा राज्याच्या विविध भागातून धूळ आणि प्रदूषक वाहून नेत आहे. या प्रदूषणामुळे मुंबईतील धुके आणखी समुद्रात ढकलले जात आहे. तापमानात घट झाल्याने सुरुवातीला धुक्याची स्थिती होती. गेल्या काही दिवसांत त्यात मोठ्या प्रमाणात वाढ झाली आहे. प्रचंड आर्द्रता आणि वाऱ्याचा अपर्याप्त वेग यामुळे कचरा आणि बांधकामाच्या ठिकाणांवरील धूळ आणि धूरही हवेत रेंगाळत राहतो. (हेही वाचा: Mumbai Pollution: मुंबईत जीआरएपी-4 लागू केल्यानंतर बीएमसीकडून कारवाईचे आदेश, प्रदूषण रोखण्यासाठी बोरिवली पूर्व-भायखळा येथील 78 बांधकाम साइट्स बंद)

हवामानाच्या लक्षणीय चढउतारांमुळे, माशांच्या स्थलांतराचा मार्ग बदलला आहे. यावेळी मुंबई शहरात प्रदूषण तर आहेच पण शहरी भागातून समुद्राच्या दिशेने वाहत असलेल्या वाऱ्यांमुळे ते पाण्याच्या दिशेनेही सरकले आहे. धुक्यात बोटी आदळण्याचा धोका असल्याचे मच्छीमारांनी सांगितले. याशिवाय मासे निघून गेल्याने इंधन, शीतगृहासाठी बर्फ, रेशन, बोटींच्या देखभालीचा खर्च वाढला आहे. बोट उशिराने परतत आहे त्यामुळे मासळीचा तुटवडा आहे. त्यामुळे बॉम्बे डकसारख्या काही माशांच्या दरात वाढ झाली आहे. असेच वातावरण राहिल्यास भाव आणखी वाढू शकतात.